**छत्तीसगढ़ कोरबा -कोरबा जिला के हरदीबाजार तहसील के मल गांव में कोयला माफिया कानून,शासन प्रशासन के भय से बेखौफ होकर रात में ही नहीं दिन में भी सरेआम कोयला का अवैध कारोबार कर रहे हैं,
मल गांव में खदान रहवासी बस्ती से महज 100 मीटर की ही दूरी पर है,ओपन खदान होने के कारण माफियाओं द्वारा400 से 500 ग्रामीणों के माध्यम से प्रतिदिन सैकड़ो टन कोयला निकलवा कर उसी स्थान पर 1 रुपए प्रति किलो के दर से खरीदी करते हैं,मल गांव में माफियाओं द्वारा कोयला का अवैध कारोबार चरम पर है पिछले कई सालों से कोयला का काला कारोबार चल रहा है,सूत्रों से जानकारी मिलने पर 23 मार्च को प्रखर राष्ट्रवाद न्यूज व दैनिक नव ऊर्जा समाचार पत्र के 05 पत्रकार रिपोर्टिंग पर गए,जहां कोयला माफिया 400 से 500 की संख्या में ग्रामीणों द्वारा खदान से कोयला निकालकर उसी स्थान पर 1 रुपए प्रति किलो की दर से खरीदी किया जा रहा था,पत्रकारों को देखते ही लगभग 100 /150 महिला पुरुष युवा लड़के भागने लगे,शेष 200/300 लोग एक साथ उग्र होकर पत्रकारों पर कहर बनकर टूट पड़े,पांचों पत्रकारों को घेर कर एक साथ पत्थर,ठेले से हत्या करने की नीयत से हमला किया गया,ईश्वरीय कृपा ही कहें की जान बचा कर भाग कर बच सके, वहीं साथी महिला पत्रकार रानू भारती को बंधक बनाकर बेहोश होते तक मारपीट किया गया,बेहोशी हालत में रानू भारती को मृत समझकर हमलावर ग्रामीण,व कोयला माफिया भाग खड़े हुए,
आखिर कोयले का अवैध कारोबार किसके इशारे पर चल रहा है?कौन है जो इनको संरक्षण दे रहा है?
आखिर क्यों जिला प्रशासन,पुलिस प्रशासन कोयला माफियाओं के समक्ष घुटने टेक देते हैं?
क्या इसलिए की अवैध कोयला के काली कमाई की मोटी रकम इन प्रशासनिक अमलों व अन्य नेताओं,पत्रकारों तक भी पहुंच ती है?पत्रकारों को जान से मारने की नीयत से किए गए हमले पर पुलिस हमलावरों,कोयला माफियाओं पर आखिर कब तक मेहरबान रहेगी?कब इनके विरुद्ध एफ आई आर करेगी?कब दोषियों पर कार्यवाही करेगी?
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