April 15, 2025

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भू-अभिलेख शाखा कटघोरा में पदस्थ बाबू मनोज गोभिल पर फिर लगे भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप,परिवार के नाम पर बनाई करोड़ों की फर्जी मुआवजा राशि

प्रखर राष्ट्रवाद न्यूज छत्तीसगढ़/कोरबा – छत्तीसगढ़ में कोरबा जिले के कटघोरा अनुविभागीय कार्यालय के भू -अभिलेख शाखा में पदस्थ बाबू मनोज गोभिल पर आए दिन भ्रष्टाचार के आरोप लगते ही रहते हैं,बाबू मनोज गोभिल का कई तरह के विधि विरुद्ध आचरण/भ्रष्टाचार से कारण कोरबा जिले के कटघोरा अनुविभागीय कार्यालय की चर्चा पूरे छत्तीसगढ़ में होती रहती है।

एसईसीएल दीपका के अधिग्रहित ग्राम मलगांव के ग्रामीणों ने सरपंच के नेतृत्व में सही व्यक्तियों को मुआवजा नहीं मिल पाने व अनुविभागीय कार्यालय कटघोरा में पदस्थ बाबू मनोज गोभिल द्वारा अपने स्वयं के परिवार सहित लगभग आधे दर्जन घनिष्ट लोगों के नाम से फर्जी मुआवजा राशि बनाए जाने को लेकर जिलाधीश कोरबा को लिखित शिकायत किया है,ग्रामीणों ने शिकायत करते हुए कहा है कि एसईसीएल दीपका के अधिग्रहित ग्राम मलगांव में मुआवजा राशि को लेकर कटघोरा के तत्कालीन अनुविभागीय अधिकारी द्वारा लगभग 2 वर्ष पूर्व मकान व परिसंपत्तियों नापी सर्वे किया गया था,कोई अपरिहार्य कारण से कुछ ग्रामीणों/भू- स्वामियों के मकान व परिसंपत्तियों का सर्वे नही हो पाया था जिसकी नापी सर्वे नवंबर 2023 में कटघोरा के तत्कालीन एसडीएम व एसईसीएल के संयुक्त टीम के द्वारा किया गया,ग्रामीणों ने अनुविभागीय कार्यालय भू अभिलेख शाखा में पदस्थ बाबू मनोज गोभिल सहित प्रशासनिक अमला पर भ्रष्टाचार का आरोप आगे हुए कहा कि फर्जी तरीके से नापी/सर्वे किया गया है।

एवं बाबू मनोज गोभिल,दीपका तहसीलदार हल्का पटवारी विकास जयसवाल द्वारा अपने ही भाई,भाई बहु और घनिष्ठ सम्बन्धियों तथा दीपका कोटवार बरातू के नाम से करोड़ो रुपए की फर्जी मुआवजा राशि/मुआवजा पत्रक तैयार करते हुए ग्रामीणों के नाम से तत्कालीन एसडीएम के द्वारा बनाए गए मुआवजा राशि में कटौती किया गया है। शिकाय कर्ता ग्रामीणों ने कहा कटघोरा अनुविभागीय कार्यालय के भू -अभिलेख शाखा में पदस्थ बाबू मनोज गोभिल अपने कृत्यों से बाज नहीं आ रहा है, ग्रामवासियों ने पूर्व में भी कई बार तत्संबन्ध में लिखित शिकायत छत्तीसगढ़ के तत्कालीन मुख्यमंत्री,तत्कालीन क्षेत्रीय विधायक,तत्कालीन रामपुर वि स क्षेत्र के विधायक ननकीराम कंवर,मुख्य निर्वाचन आयोग दिल्ली,तत्कालीन चुनाव आब्जर्वर जमातिया एवं तत्कालीन जिलाधीश कोरबा से किया किंतु कोरबा के तत्कालीन जिलाधीश ने समस्त शिकायतों को अस्वीकार करते हुए बिना जांच कराए सिरे से खारिज कर दिया,जिसके कारण भ्रष्टाचारी मनोज गोभिल को शासन प्रशासन से किसी भी प्रकार से कोई भय नहीं है और कई तरह के भ्रष्टाचार के नए नए कारनामे करते जा रहा है।कोरबा जिले के कटघोरा अनुविभागीय कार्यालय के भू -अभिलेख शाखा में पदस्थ बाबू मनोज गोभिल पर

आखिर बार बार क्यों भ्रष्टाचार के आरोप लग रहे हैं?

आखिर बाबू मनोज गोभिल बिना किसी भय के मुआवजा राशि में कटौती कर अपने परिवार व घनिष्ठ लोगों के नाम पर कैसे मुआवजा राशि/मुआवजा पत्रक तैयार कर सकता है?

आखिर क्यों उसे शासन और प्रशासन से किसी तरह की भय नहीं है?

,आखिर ग्रामीण क्यों न आरोप लगाएं की भ्रष्टाचारी मनोज गोभिल को राजनीतिक संरक्षण प्राप्त है?

आखिर शिकायत प्राप्त होने के बावजूद बाबू मनोज गोभिल पर शासन प्रशासन किसी प्रकार से न तो कोई जांच करा पा रही है,और न ही कोई कार्यवाही कर पा रही है?

आखिर लगभग 40 हजार रुपए ही मासिक तनख्वाह पाने वाले भ्रष्टाचारी मनोज गोभिल कैसे करोड़ो रुपए का आसामी बना बैठा है?

मनोज गोभिल इतने रसूखदार और आर्थिक रूप से अत्यंत सक्षम व्यक्ति है जिससे उसका शासन प्रशासन बाल बांका तक नई कर पा रहा है।या पूरे प्रशासनिक अमला भी बाबू मनोज गोभिल के साथ फर्जी मुआवजा राशि से अपनी जेब भरना चाहते हैं? प्रश्न उठना तो वाजिब है जब रक्षक ही भक्षक की तरह व्यवहार करने पर उतारू हो जाएं।सही तरीके से पूर्ववत मुआवजा राशि नहीं मिलने को लेकर आखिर किस अधिकारी/नेता के चौखट पर नाक रगडेंगे पीड़ित ग्रामीण।दीपका एसईसीएल के अधिग्रहित ग्राम मलगांव के ग्रामीणों के द्वारा की जा रही पीड़ित भू स्वामियों,मकान मालिकों के मकान व परिसंपत्तियों का वास्तविक मुआवजा राशि की मांग शासन प्रशासन आखिर कब तक पूरा करेगी व भ्रष्टाचार में लिप्त बाबू मनोज गोभिल पर लगे गंभीर आरोप पर गंभीर होकर कब तक पूर्ण जांच करते हुए कार्यवाही करेगी। मलगांव के ग्रामीणों ने कहा – यदि शासन प्रशासन ग्रामीणों के संपूर्ण शिकायतों पर निष्पक्ष होकर उच्चस्तरीय जांच करती है तो बाबू मनोज गोभिल,पटवारी विकास जयसवाल सहित अन्य कई प्रशानिक अधिकारियों के भी भ्रष्टाचार के पुलिंदे परत दर परत खुलेंगे,और मनोज गोभिल के द्वारा एनएच पर भी किया गया भारी भ्रष्टाचार उजागर होंगे।ग्रामीणों ने आगे कहा कि यदि शासन प्रशासन हमारी जायज मांगों को पूरा नहीं करेगी तो छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री के निवास को घेराव करते हुए उच्च न्यायालय की शरण में जायेंगे।